जै वैष्णो माता, मैया जै वैष्णो माता ।
हाथ जोड़ तेरे आगे, आरती मैं गाता ॥
जै वैष्णो माता....
शीश पे छत्र बिराजे, मूरतिया प्यारी ।
गंगा बहती चरनन, ज्योति जगे न्यारी ॥
जै वैष्णो माता…
ब्रह्मा वेद पढ़े नित द्वारे, शंकर ध्यान धरे ।
सेवक चंवर डुलावत, नारद नृत्य करे ॥
जै वैष्णो माता…
सुंदर गुफा तुम्हारी, मन को अति भावे ।
बार-बार देखन को, ऐ मां मन चावे ॥
जै वैष्णो माता…
भवन पे झण्डे झूले, घंटा ध्वनि बाजे ।
ऊंचा पर्वत तेरा, माता प्रिय लागे ॥
जै वैष्णो माता…
पान सुपारी ध्वजा नारियल, भेंट पुष्प मेवा ।
दास खड़े चरणों में, दर्शन दो देवा ॥
जै वैष्णो माता…
जो जन निश्चय करके, द्वार तेरे आवे ।
उसकी इच्छा पूरण, माता हो जावे ॥
जै वैष्णो माता…
इतनी आय निशदिन, जो नर भी गावे ।
कहते सेवक ध्यानू, सुख संपति पावे ॥
जै वैष्णो माता…