तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे भाषा के विशेषज्ञ पढ़कर कहें कि ये कलम का छोटा सिपाही ऐसा है तो भीष्म साहनी, प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला', हरिवंश राय बच्चन, फणीश्वर नाथ रेणु आदि कैसे रहे होंगे... गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.

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माता वैष्णो रानी की आरती



जै वैष्णो माता, मैया जै वैष्णो माता ।
हाथ जोड़ तेरे आगे, आरती मैं गाता ॥
जै वैष्णो माता....
शीश पे छत्र बिराजे, मूरतिया प्यारी ।
गंगा बहती चरनन, ज्योति जगे न्यारी ॥
जै वैष्णो माता…
ब्रह्मा वेद पढ़े नित द्वारे, शंकर ध्यान धरे ।
सेवक चंवर डुलावत, नारद नृत्य करे ॥
जै वैष्णो माता…
सुंदर गुफा तुम्हारी, मन को अति भावे ।
बार-बार देखन को, ऐ मां मन चावे ॥
जै वैष्णो माता…
भवन पे झण्डे झूले, घंटा ध्वनि बाजे ।
ऊंचा पर्वत तेरा, माता प्रिय लागे ॥
जै वैष्णो माता…
पान सुपारी ध्वजा नारियल, भेंट पुष्प मेवा ।
दास खड़े चरणों में, दर्शन दो देवा ॥
जै वैष्णो माता…
जो जन निश्चय करके, द्वार तेरे आवे ।
उसकी इच्छा पूरण, माता हो जावे ॥
जै वैष्णो माता…
इतनी आय निशदिन, जो नर भी गावे ।
कहते सेवक ध्यानू, सुख संपति पावे ॥
जै वैष्णो माता…