तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे भाषा के विशेषज्ञ पढ़कर कहें कि ये कलम का छोटा सिपाही ऐसा है तो भीष्म साहनी, प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला', हरिवंश राय बच्चन, फणीश्वर नाथ रेणु आदि कैसे रहे होंगे... गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.

LATEST:


Mamata Banerjee, a significant life events

MAMTA BANERJEE
মুখ্যমন্ত্রী মমতা বনর্জী

BY : RAJESH MISHRA
 RAJESH MISHRA,
KOLKATA, WEST BENGAL
ममता बनर्जी के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाएं


कोलकाता। पश्चिम बंगाल में 34 साल पुरानी वाम मोर्चा सरकार को अकेले अपने दम पर उखाड़ फेंकने वाली तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके साथ ही उन्होंने पश्चिम बंगाल की पहली महिला मुख्यमंत्री होने का गौरव प्राप्त कर लिया है।

देश की शक्तिशाली नेताओं में शुमार ममता के जीवन की कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं इस प्रकार हैं:

5 जनवरी, 1955 :
कोलकाता के प्रोमिलेश्वर व गायत्री बनर्जी के घर ममता का जन्म।

1976-1980 : ममता पश्चिम बंगाल महिला कांग्रेस की महासचिव रहीं।

1984 : ममता ने मार्क्सावादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता सोमनाथ चटर्जी को जादवपुर लोकसभा सीट से हराया। उन्हें देश की सबसे युवा सांसद बनने का गौरव भी प्राप्त हुआ। उन्हें अखिल भारतीय युवा कांग्रेस का महासचिव बनाया गया।

1989 : ममता जादवपुर लोकसभा सीट पर मालिनी भट्टाचार्य से पराजित हुईं।

1991 : ममता दोबारा लोकसभा की सदस्य बनीं। उन्होंने दक्षिणी कलकत्ता लोकसभा सीट से माकपा के बिप्लव दासगुप्ता को पराजित किया। वर्ष 1996, 1998, 1999, 2004 और 2009 में वह इसी सीट से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुईं।

अगस्त 1989 : दक्षिण कोलकाता में हजरा क्रांसिंग पर विरोध प्रदर्शन के दौरान माकपा के कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर पीटे जाने की वजह से उनके सिर में चोटें आईं।

1991 : नरसिम्हा राव सरकार में मानव संसाधन विकास, युवा मामलों और महिला एवं बाल विकास विभाग में राज्य मंत्री बनीं।

21 जुलाई, 1993 : ममता के नेतृत्व में युवा कांग्रेस समर्थकों का दल रॉयटर्स बिल्डिंग की तरफ बढ़ रहा था उसी समय की गई गोलीबारी में 13 कार्यकर्ताओं की मौत हो गई। वे मतदाता पहचान पत्र को मतदान के लिए एकमात्र दस्तावेज माने जाने की मांग कर रहे थे।

जुलाई 1996 : मंत्री होने के बावजूद ममता ने लोकसभा में पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि का विरोध किया।

फरवरी 1997 : तत्कालीन रेल मंत्री रामविलास पासवान के रेल बजट में पश्चिम बंगाल को नजरअंदाज करने की बात कहते हुए ममता ने अपनी शाल उनके ऊपर फेंक दी और अपने इस्तीफे की घोषणा की।

22 दिसम्बर, 1997 : ममता ने कांग्रेस छोड़ी और कोलकाता में अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस का गठन करने की घोषणा की।

1 जनवरी, 1998 : तृणमूल कांग्रेस औपचारिक रूप से अस्तित्व में आई।

1998 और 1999 : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ सीटों का बंटवारा कर लोकसभा का चुनाव लड़ा।

1999 : राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेतृत्व में बनने वाली सरकार में तृणमूल कांग्रेस भी शामिल हुई और ममता रेल मंत्री बनी।

मार्च 2001 : राजग छोड़कर राज्य विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस गठबंधन में शामिल हुईं। चुनाव में वाम मोर्चे को 199 और तृणमूल-कांग्रेस गठबंधन को 86 सीटें मिलीं।

अगस्त 2001 : पुन: राजग में लौंटी।

जनवरी 2004 : कोयला एवं खदान मंत्री बनीं। लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने खराब प्रदर्शन किया। पश्चिम बंगाल में ममता की पार्टी को केवल एक सीट मिली।

मई 2006 : तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा के साथ मिलकर विधानसभा का चुनाव लड़ा लेकिन प्रदर्शन खराब रहा। इस गठबंध को केवल 30 सीटें मिली जबकि वाम मोर्चा को 233 सीटें मिली।

नवम्बर 2006 : पश्चिम बंगाल में हुगली जिले के सिंगूर में टाटा मोटर्स की प्रस्तावित परियोजना का विरोध किया और 12 घंटे के बंद का ऐलान किया। तृणमूल कांग्रेस के विधायकों ने विधानसभा में तोड़फोड़ की।

दिसम्बर 2006 : सिंगूर में अनिच्छुक किसानों की अधिग्रहित जमीन वापस लौटाने की मांग को लेकर शहर में स्थित मेट्रो चैनल पर 25 दिनों की भूख हड़ताल की।

मार्च 14, 2007 : पश्चिमी मिदनापुर जिले के नंदीग्राम में पश्चिम बंगाल सरकार की भूमि अधिग्रहण योजना का विरोध कर रहे किसानों पर पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में 14 किसानों की मौत हो गई।

14 नवम्बर, 2007 : बंगाल में प्रख्यात बुद्धिजीवियों ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के साथ कोलकाता से नंदीग्राम तक एक शांति मार्च निकाला।


मई 2008 : तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिमी मिदनापुर और दक्षिण 24 परगना की जिला परिषद की सीट पर कब्जा कर लिया। यह सीट वाम मोर्चे की कब्जे में थी। तृणमूल कांग्रेस ने नंदीग्राम और सिंगूर में भी वाम मोर्चे का सफाया कर दिया।

2009 : कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने एक साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा। तृणमूल को पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से 26 पर जीत हासिल हुई। ममता एक बार फिर रेल मंत्री बनीं।

जून 2010 : नगर निगम चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने कोलकाता नगर निगम पर अपना परचम लहराया।

18 मार्च, 2011 : ममता ने कांग्रेस के साथ मिलकर पश्चिम बंगाल विधानसभा का चुनाव लड़ा।

13 मई, 2011 :
विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस-कांग्रेस गठबंधन ने राज्य की 294 सीटों में से 227 पर अपना परचम लहराया।

मई 20, 2011 : ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

 RAJESH MISHRA, KOLKATA, WEST BENGAL

कोई टिप्पणी नहीं: