मेरी उम्र 60 साल है। सेक्स का मन करता है, पर इरेक्शन कभी-कभी ही होता है। डिस्चार्ज भी जल्दी हो जाता है। क्या इस उम्र में यह नॉर्मल है? इसमें सुधार हो सकता है? - एक पाठक आपके सवाल से साफ है कि आपको कामेच्छा तो होती है, पर पेनिस में तनाव कभी आता है और कभी नहीं। साथ ही समागम के दौरान डिस्चार्ज भी जल्दी हो जाता है। किसी शख्स को एक स्थिति में सही उत्तेजना आए और दूसरी में न आए तो समस्या मानसिक है, शारीरिक नहीं। मसलन अगर मास्टरबेशन के दौरान, सुबह उठते वक्त, पेशाब करते हुए उत्तेजना आ जाती है, पर संबंध बनाते वक्त नहीं आती तो यह मानसिक समस्या का लक्षण है, जिसका इलाज आसानी से हो सकता है। इसमें सपोर्टिव या सहायक साइकोथेरपी का इस्तेमाल किया जाता है। यहां जरूरत पड़ती है एक या दो बार सफल यौन संबंध बनाकर आत्मविश्वास जगाने की। ऐसा देखा गया है कि कई बार एक कामयाबी आदमी को दूसरी कामयाबियों की ओर बढ़ा देती है। वैसे, इस समस्या में अगर देसी वायग्रा यानी सिल्डेनाफिल साइट्रेट का इस्तेमाल किया जाए तो फायदा होता है। सिल्डेनाफिल साइट्रेट वायग्रा का जेनरिक नाम है जिसकी गोलियां अलग-अलग ब्रैंड नेम से बाजार में मिलती हैं। वायग्रा ब्रैंड विदेशी है और बहुत महंगा है। इसके भारतीय ब्रैंड काफी सस्ते हैं। यह गोली 50 और 100 मिलीग्राम में उपलब्ध है। खाली पेट लेने पर बेहतर असर दिखाती है। इस गोली को संबंध बनाने से एक घंटे पहले लेना जरूरी होता है। यह गोली ख्वाहिश तो नहीं बढ़ाती, पर आए हुए तनाव में इजाफा कर देती है। मतलब यह हुआ कि अगर किसी को 25 फीसदी तनाव आता है तो देसी वायग्रा की गोली लेने के बाद वह 90 फीसदी तक पहुंच सकता है। यह गोली चौबीस घंटे में सिर्फ एक बार पानी या जूस से ली जा सकती है। देसी वायग्रा का असर उसे लेने के एक घंटे बाद शुरू होता है और करीब चार से छह घंटे तक रहता है। जिन्हें दिल की बीमारी हो और जिनकी दवाओं में नाइट्रेट हो, वे सिल्डेनाफिल साइट्रेट न लें। अगर आप चरम सीमा पर जल्दी पहुंच जाते हैं तो भी पत्नी को कई दूसरे तरीकों से संतुष्टि दे सकते हैं। जल्दी डिस्चार्ज होने की समस्या है, तो पैरोक्सटिन की 20 मिलीग्राम की गोली समागम से चार घंटे पहले लेने से ज्यादातर लोगों को फायदा होता है। याद रखें, आदमी अगर चाहे तो आखिरी दम तक समागम बना सकता है क्योंकि सेक्स की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती! नोट : यहां दोनों दवाओं के जेनरिक नेम दिए गए हैं। बाजार में ये दवाएं अलग-अलग ब्रैंड नेम से उपलब्ध हैं। कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें। |
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे भाषा के विशेषज्ञ पढ़कर कहें कि ये कलम का छोटा सिपाही ऐसा है तो भीष्म साहनी, प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला', हरिवंश राय बच्चन, फणीश्वर नाथ रेणु आदि कैसे रहे होंगे... गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
सेक्स की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती
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2 टिप्पणियां:
aapke blog par pahlee baar aayaa hoon.
sach is tarah aantarik baat jo sankochvas kaheen nahee kar sakte ve aapse jaroor pooch sakte hain . badhaai.
- vijay
bahut-bahut Dhanyabad Vijayji.
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