तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे भाषा के विशेषज्ञ पढ़कर कहें कि ये कलम का छोटा सिपाही ऐसा है तो भीष्म साहनी, प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला', हरिवंश राय बच्चन, फणीश्वर नाथ रेणु आदि कैसे रहे होंगे... गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.

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सचिन की सेंचुरियन में 50वीं सेंचुरी

सचिन की सेंचुरियन में 50वीं सेंचुरी

सेंचुरियन। बल्लेबाजी के बादशाह सचिन तेंदुलकर ने रविवार को टेस्ट मैचों में शतकों का अर्धशतक पूरा करके क्रिकेट जगत में नया इतिहास रचने के साथ ही पिछले 77 दिन से चला आ रहा लंबा इंतजार भी खत्म कर दिया। रिकार्ड 175वें टेस्ट मैच की 286वीं पारी खेलने वाले तेंदुलकर दुनिया के पहले बल्लेबाज हैं जिन्होंने 50 टेस्ट शतक लगाए हैं।

सचिन के नाम पर एकदिवसीय मैचों में 46 शतक दर्ज हैं और इस तरह से वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतकों का सैकड़ा पूरा करने के करीब हैं। इस 37 वर्षीय बल्लेबाज ने ऐसे समय में अपना 50वां सैकड़ा ठोका जबकि भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में गहरे संकट में थी और उस पर पारी का हार का खतरा मंडरा रहा था। इस दिग्गज बल्लेबाज ने हालांकि सहज होकर बल्लेबाजी की और कई उम्दा शाट लगाकर दर्शकों को रोमांचित किया।

तेंदुलकर स्पिनर पाल हैरिस की गेंद पर मिड आफ पर छक्का जड़कर नाइंटीज में पहुंचे और इसके बाद उन्होंने डेल स्टेन की गेंद पर कवर क्षेत्र में एक रन लेकर पूरा किया। उनकी इस महान उपलब्धि का स्टेडियम में बैठे हजारों दर्शकों और भारतीय खिलाडि़यों ने ही नहीं बल्कि दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेटरों ने भी तालियां बजाकर स्वागत किया। तेंदुलकर ने हमेशा की तरह शतक पूरा करने के बाद आसमान की तरफ देखकर ईश्वर का शुक्रिया अदा किया और दोनों हाथ हवा में लहराने के बाद दर्शकों का अभिवादन स्वीकार किया। वह इसके बाद साथी बल्लेबाज कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के पास आए और उनसे कुछ देर तक गुप्तगू करने के बाद पारी आगे बढ़ाने लग गए।

तेंदुलकर ने इस साल 11 अक्टूबर को आस्ट्रेलिया के खिलाफ बेंगलूर में 214 रन की पारी खेलकर अपना 49वां शतक पूरा किया था और तब से उनके 50वें शतक का इंतजार बना हुआ था। उन्होंने आस्ट्रेलिया के खिलाफ इसी मैच की दूसरी पारी में नाबाद 53 रन बनाए थे लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैच की सीरीज की पांच पारियों में वह शतक नहीं बना पाए थे जिससे दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमियों का इंतजार बढ़ गया था।

दुनिया के इस सर्वकालिक महान बल्लेबाज ने हालांकि दक्षिण अफ्रीका पहुंचते ही क्रिकेट जगत का यह इंतजार खत्म कर दिया। तेंदुलकर यह उपलब्धि हासिल करने वाले न सिर्फ दुनिया के पहले बल्लेबाज बन गए हैं बल्कि इससे उनके और दूसरे नंबर पर काबिज आस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग [39] के शतकों के बीच 11 शतक का अंतर आ गया है। दक्षिण अफ्रीका के जैक्स कालिस 38 शतक लगाकर तीसरे नंबर पर हैं।

तेंदुलकर दुनिया के उन कुछेक बल्लेबाजों में शामिल हैं जिन्होंने टेस्ट खेलने वाले प्रत्एक देश के खिलाफ शतक लगाए हैं। उन्होंने सर्वाधिक 11 शतक आस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाए हैं। इसके बाद श्रीलंका [नौ शतक], इंग्लैंड [सात शतक], दक्षिण अफ्रीका [छह शतक], बांग्लादेश [पांच शतक], न्यूजीलैंड [चार शतक], वेस्टइंडीज और जिम्बाब्वे [तीन-तीन शतक] तथा पाकिस्तान [दो शतक] का नंबर आता है। इनमें से उन्होंने 22 शतक भारतीय और 28 शतक विदेशी सरजमीं पर लगाए हैं।

तेंदुलकर ने शतक पूरा करने तक 175 टेस्ट की 286 पारी में 56.86 की औसत से 14,502 रन बनाए थे। उन्होंने टेस्ट मैचों में 50 शतक के अलावा 59 अर्धशतक भी लगाए हैं। तेंदुलकर के नाम पर प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अब 77 शतक दर्ज हो चुके हैं। उन्होंने प्रथम श्रेणी और सीमित ओवरों की क्रिकेट में कुल मिलाकर 134 शतक लगाए हैं। इनमें सीमित ओवरों की क्रिकेट में उन्होंने 57 सैकड़े जमाए हैं।

सेंचुरियन में अपनी शतकीय पारी के दौरान तेंदुलकर ने 2010 के कैलेंडर वर्ष में 1500 रन भी पूरे किए। वह इस साल इस मुकाम तक पहुंचने वाले पहले खिलाड़ी हैं। यह तेंदुलकर का एक कैलेंडर वर्ष में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है जिसमें सात शतक भी शामिल हैं। तेंदुलकर ने अपना पहला टेस्ट शतक 20 साल से भी अधिक समय पहले 14 अगस्त 1990 को इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर में बनाया था। संयोग से उन्होंने यह शतक भी भारत की दूसरी पारी में लगाया था। तब उन्होंने नाबाद 119 रन बनाकर भारत की हार टाली थी। तेंदुलकर ने वैसे अब तक भारत की दूसरी पारी में केवल 13 शतक लगाए हैं। अपने प्रिय बल्लेबाजी क्रम चौथे नंबर पर यह उनका 44वां शतक है।

भारत की तरफ से सबसे कम उम्र में शतक लगाने वाले बल्लेबाज तेंदुलकर ने अपना दसवां शतक भी इंग्लैंड के खिलाफ नाटिंघम में 1996 में लगाया था। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ ही 2002 में लीड्स में 30वां शतक लगाकर सर डान ब्रैडमैन को पीछे छोड़ा था और फिर दस दिसंबर 2005 को श्रीलंका के खिलाफ दिल्ली में 35वां शतक जमाकर हमवतन सुनील गावस्कर के रिकार्ड को तोड़ा था।


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