तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे भाषा के विशेषज्ञ पढ़कर कहें कि ये कलम का छोटा सिपाही ऐसा है तो भीष्म साहनी, प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला', हरिवंश राय बच्चन, फणीश्वर नाथ रेणु आदि कैसे रहे होंगे... गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.

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gair ko dard batane ki jarurat kya hai

gair ko dard batane ki jarurat kya hai__ 
apne jhgade me jamane ki jarurat kya hai__ 
zindagi waise bhi kam hai mohbbat ke liye__ 
ruthkar waqt gawane ki jarurat kya hai___

2 टिप्‍पणियां:

हरीश प्रकाश गुप्त ने कहा…

भाई, बहुत पंक्तियां लिखी हैं। लेकिन यदि हिन्दी फान्ट में होती तो अधिक अच्छा होता।

RAJ ने कहा…

agli bar se koshish karunga..