कल जब मैं ऑफिस पंहुचा तो यह सुनकर 31 अक्टूबर सोमवार को विश्व की जनसंख्या सात अरब को पार कर गई। ख़ुशी तो हुई पर साथ ही दुःख भी हुआ. ख़ुशी का करना था- यह कारनामा इंडिया में हुआ. दुःख इसलिए हुआ की हमारी जनसँख्या ७ अरब पर कर गई.
उत्तर प्रदेश के माल कस्बे में जन्मी नरगिस को सांकेतिक रूप से सात अरबवीं बच्ची होने का दर्जा मिला। यह एक ऐसी खबर है जो हमें खुशी से ज्यादा चिंतित करती है। क्योंकि पूरे विश्व की जनसंख्या जिस तेजी से बढ़ रही है यह हमारे देश के साथ साथ पूरे विश्व के लिए गंभीर चिंता की बात है।
हमारे संसाधन सीमित हैं लेकिन जनसंख्या विकराल रूप लेती जा रही है। इतनी गंभीर समस्या पर सरकार का कोई ध्यान ही नहीं है। लगभग 30-35 साल पहले सरकार इस मसले पर जितनी गंभीर थी आज इस ओर उसका ध्यान कतई नहीं है।
वैसे सही तौर पर यह पता लगाना की सात अरवीं बच्ची या बच्चे का जन्म कहां हुआ काफी मुश्किल है। इस लिए सांकेतिक तौर पर नरगिस को यह दर्जा प्रदान किया गया है। गौरतलब है कि प्लान इंटरनेशन नामक बाल अधिकार ग्रुप की ओर से नरगिस को यह दर्जा देने की घोषणा की गई। संयुक्त राष्ट्र की ओर से यह अनुमान लगाया गया था कि 31 अक्टूबर 2011 को विश्व की जनसंख्या सात अरब को पार कर जाएगी। भारत में हर एक मिनट में 51 बच्चे का जन्म होता है इनमें से 11 बच्चे का जन्म उत्तार प्रदेश में होता है। गौरतलब है कि उत्तार प्रदेश देश का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है। नरगिस का जन्म आज सुबह 7:25 बजे माल गांव के एक सरकारी अस्पताल में हुआ। उसका जन्म एक गरीब किसान के घर हुआ है। उसकी माता का नाम विनीता है और पिता का अजय कुमार।
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