तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे भाषा के विशेषज्ञ पढ़कर कहें कि ये कलम का छोटा सिपाही ऐसा है तो भीष्म साहनी, प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला', हरिवंश राय बच्चन, फणीश्वर नाथ रेणु आदि कैसे रहे होंगे... गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.

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जब सभी क्रिकेटर रो पड़े

एक बार जब कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धौनी से जब पूछा गया कि वह विपरीत से विपरीत परिस्थिति में भी इतने कूल कैसे बने रहते हैं, तो उनका जवाब था, दवाब को चेहरे पर झलकने नहीं देता, वह दिमाग में कैद रहता है, इसीलिए मेरे सिर के बाल असमय सफेद हो चले हैं..। लेकिन यह क्या भावनाओं पर काबू करने वाले धौनी रो दिए?

जी हां, भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान इस साल अप्रैल में भारत के विश्व कप जीतने के बाद इतने भावुक हो गए थे कि वह खिताबी मुकाबले के बाद अपने साथी खिलाड़ियों के साथ रो पड़े थे। यह बात उन्होंने खुद बताई। 'सीएनएन आइबीएन स्पो‌र्ट्स पर्सन ऑफ द ईयर' बने धौनी ने समारोह के दौरान एक वीडियो संदेश के जरिए कहा, 'मैच खत्म होने के बाद सभी खिलाड़ी रोए थे। मैं भी रोया था, हालाकि इसका कोई भी फुटेज उपलब्ध नहीं है। भावनाओं पर नियंत्रण करना काफी मुश्किल था क्योंकि हम सभी विश्व कप जीतने का सपना देख रहे थे।' ऑस्ट्रेलिया पहुंच चुके धौनी ने वीडियो रिकॉर्डेड संदेश में कहा, 'मैं रो रहा था और जब मैंने ऊपर देखा तो सभी खिलाड़ी मुझे घेरकर खड़े हो गए। मैं ड्रेसिंग रूम की ओर दौड़ गया और वहा मैंने देखा दो खिलाड़ी रोते हुए मेरी तरफ दौड़ रहे हैं। मैं उन्हें देखकर और रो पड़ा। भावनाओं पर काबू करना मुश्किल था।'

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