तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे भाषा के विशेषज्ञ पढ़कर कहें कि ये कलम का छोटा सिपाही ऐसा है तो भीष्म साहनी, प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला', हरिवंश राय बच्चन, फणीश्वर नाथ रेणु आदि कैसे रहे होंगे... गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.

LATEST:


Ranvir Sena ke Mukhia ki Hatya

रणवीर सेना के संस्थापक की हत्या

Brahmeshwar Singh

Brahmeshwar Singh
भोजपुर में रणवीर सेना के संस्थापक ब्रह्मेश्वर सिंह की हत्या से बिहार में सियासी पारा गरमा गया है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) समेत सभी राजनीतिक दलों ने इसकी निंदा कर मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। वहीं, बिहार के कई जिलों में हालात बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं। हत्या से गुस्साए सिंह के समर्थकों ने काफी देर तक शव को उठाने नहीं दिया था। लोग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घटनास्थल पर बुलाने की मांग कर रहे थे। प्रशासन ने बाद में वहां मौजूद लोगों को समझा-बुझाकर शव का पोस्टमॉर्टम कराया। उनका अंतिम संस्कार शनिवार को पटना में होगा। पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट है। हालांकि, ब्रह्मेश्वर मुखिया के परिवारवालों ने हत्या के पीछे जेडीयू विधायक सुनील पांडे का हाथ बताया है।

हत्या के पीछे जेडीयू विधायक?

शुरू में ऐसी चर्चा थी कि रणवीर सेना प्रमुख ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या के पीछे नक्सली हो सकते हैं। लेकिन, एक न्यूज चैनल में आ रही खबर के मुताबिक ब्रह्मेश्वर मुखिया के परिवारवालों ने हत्या के पीछे जेडीयू विधायक सुनील पांडे का हाथ बताया है। पुलिस अब इस ऐंगल से भी मामले की जांच कर रही है।

मामले की सीबीआई जांच होः लालू

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव ने कहा कि इस हत्याकांड की सीबीआई जांच होनी चाहिए। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सी.पी. ठाकुर ने भी मामले की सीबीआई जांच कर हत्यारों को जल्द गिरफ्तारी की मांग की है। दिल्ली में पार्टी प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी सिंह की हत्या की उचित एजेंसी से जांच करवाने की मांग की। कांग्रेस ने भी मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की है।

डीजीपी से उलझे समर्थक

हत्या के बाद रणवीर सेना के सैकड़ों समर्थक मौके पर जुट गए। हिंसा भड़क गई और पांच गाडि़यां जला दी गईं। राजधानी एक्सप्रेस पर पथराव हुआ। मौके पर पहुंचे डीजीपी अभयानंद से भी समर्थकों ने उलझने की कोशिश की। एसपी को दौड़ा दिया गया। जिले में जुलूस भी निकाला गया।

आरा में कर्फ्यू लगाया गया 

उधर, ब्रह्मेश्वर की हत्या के बाद आरा में उनके समर्थक भड़क उठे हैं और भोजपुर समेत मध्य बिहार के कई जिलों में जबर्दस्त तनाव है। आरा में धारा 144 लगाकर उपद्रव करने वालों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए गए हैं। औरंगाबाद, सासाराम सहित मध्य बिहार के कई जिलों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।

उपद्रवियों ने कई सरकारी दफ्तरों में आगजनी और तोड़फोड़ की। ब्रह्मेश्वर सिंह की हत्या से गुस्साए लोगों ने घटनास्थल पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक (एसपी) एस.आर. नायक और बीजेपी विधायक संजय सिंह टाइगर के साथ भी धक्का-मुक्की की। स्थानीय सर्किट हाउस में भी आग लगा दी गई है। यहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी आगामी सेवा यात्रा के दौरान ठहरने वाले थे। रणवीर सेना के समर्थकों ने कृषि भवन, आरा में बीडीओ के ऑफिस और रेलवे स्टेशन में तोड़फोड़ और आगजनी की। आरा डेयरी की चार गाड़ियां भी आग के हवाले कर दी गईं। रणवीर सेना के प्रवक्ता अजय सिंह ने बताया कि संगठन के समर्थक औरंगाबाद, सासाराम, जहानाबाद, अरवल और गया से आज आरा में जुटेंगे, जहां आगे की रणनीति तय की जाएगी।

नीतीश की लोगों से शांति की अपील

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरा में रणवीर सेना के प्रमुख ब्रह्मेश्वर सिंह की हत्या के बाद तनाव और उपद्रव को देखते हुए भोजपुर के लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की। नीतीश अपनी सेवा यात्रा के सिलसिले में भागलपुर में हैं। नीतीश ने कहा, 'आरा में तनाव की घटना को देखते हुए पुलिस विभाग के सीनियर ऑफिसर शहर में हैं।'

कौन थे ब्रह्मेश्वर सिंह?

ब्रह्मेश्वर सिंह उर्फ ब्रह्मेश्वर मुखिया बिहार में नक्सली संगठनों और बड़े किसानों के खूनी संघर्ष के इतिहास का एक बड़ा नाम है। भोजपुर के खोपिरा गांव के रहने वाले मुखिया भूमिहार जाति से थे। 90 के दशक में बिहार में नक्सली संगठनों और बड़े किसानों के बीच लड़ाई को देखते हुए उन्होंने 1994 में रणवीर सेना का गठन किया। रणवीर सेना और नक्सलियों के बीच कई नरसंहार हुए। लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार इसमें सबसे बड़ा है। ऊंची जाति के 37 लोगों की हत्या के जवाब में दिसंबर 1997 में किए गए इस नरसंहार में 58 दलितों की हत्या कर दी गई थी। इसमें ब्रह्मेश्वर को मुख्य अभियुक्त माना गया था। ब्रह्मेश्वर को 29 अगस्त 2002 को पटना में अरेस्ट किया गया था, जिसके बाद रणवीर सेना का आधार खत्म हो गया।