क्या नारी सिर्फ भोग की वस्तु है ?
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☞ जब वोडाफोन के एक विज्ञापन में दो पैसो मे लड़की पटाने की बात की जाती है तब कौन ताली बजाता है?☞ हर विज्ञापन ने अधनंगी नारी दिखा कर ये विज्ञापन एजेंसिया / कम्पनियाँ क्या सन्देशदेना चाहती है ?
☞ इस पर कितने चैनल बहस करेंगे ?
☞ पेन्टी हो या पेन्ट हो, कॉलगेट या पेप्सोडेंटहो,साबुन या डिटरजेण्ट हो ,कोई भी विज्ञापन हो, सबमें ये छरहरे बदन वाली छोरियो के अधनंगे बदनको परोसना क्या नारीत्व के साथ बलात्कारनहीं है?
☞ फिल्म को चलाने के लिए आईटम सॉन्ग के नामपर लड़कियो को जिस तरहमटकवाया जाता है !
☞ या यू कहे लगभग आधा नंगा करके उसके अंगप्रत्यंगको फोकस के साथ दिखाया जाता है !
☞ क्या वो स्त्रीयत्व के साथ बलात्कार करना नहीं है?
☞ पत्रिकाए हो या अखबारसबमे आधी नंगी लड़कियो के फोटो किसकेलिए? और
☞ क्या सिखाने के लिए भरपूर मात्र मे छापे जाते है?
☞ ये स्त्रीयत्व का बलात्कारनहीं है क्या?
☞ दिन रात ,टीवी हो या पेपर , फिल्मेहो या सीरियल, लगातार स्त्रीयत्व का बलात्कार होते देखने वाले, और उस पर खुश होने वाले, उसका समर्थन करने वालेक्या बलात्कारी नहीं है ?
☞ संस्कृति के साथ ,
☞ मर्यादाओ के साथ,
☞ संस्कारो के साथ,
☞ लज्जा के साथ
☞ जो ये सब किया जा रहा है वो बलात्कारनहीं हैक्या?
☞ निरंतर हो रहे नारीत्व के बलात्कार के समर्थको को नारी केबलात्कार पर शर्म आना उसी तरह है !
☞ जैसे मांस खाने वाला , लहसुनप्याज पर नाक सिकोडे☞ जिस देश में "आजा तेरी _ मारू , तेरे सर से _ _का भूत उतारू" जैसे गाने ?
और इसी तरह का नंगा नाच फैलाने वाले भांडयुवाओ के“आइडल" बन रहे हो वहा बलात्कार और छेडछाड़की घटनाए नहीं बढेंगी तो और क्या बढ़ेगा?
☞ कुल मिलाकर कहने का तात्पर्य ये है कि जब तक हमनारी जाति को नारित्व का दर्जा नहीं देंगेतब तकमहिला विकास या महिला सशक्तिकरणकी बातेबेमानी लगती है।.