तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे भाषा के विशेषज्ञ पढ़कर कहें कि ये कलम का छोटा सिपाही ऐसा है तो भीष्म साहनी, प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला', हरिवंश राय बच्चन, फणीश्वर नाथ रेणु आदि कैसे रहे होंगे... गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.

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अलविदा ज्योति बाबु!



आज पूरी दिन थकावट भरी रही.... फुर्सत मिली तो ज्योति बाबु के पार्थिव शारीर के पीजी अस्पताल में देह दान के बाद.... इसलिए ज्यादा कुछ नहीं लिख पाया। आज मैं अपने "दैनिक विश्वामित्र" को आपके सामने रख दे रहा हूँ... जिसमें मेरी काफी योगदान हैं... आखिर यही पर मेरी आधी समय गुजरती है.... जो। लीजिये पेश है....