तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे भाषा के विशेषज्ञ पढ़कर कहें कि ये कलम का छोटा सिपाही ऐसा है तो भीष्म साहनी, प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला', हरिवंश राय बच्चन, फणीश्वर नाथ रेणु आदि कैसे रहे होंगे... गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.

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आमिर खान के पिता का निधन



मशहूर फिल्मकार और अभिनेता आमिर खान के पिता ताहिर हुसैन का मंगलवार को निधन हो गया।
हुसैन ने निर्माता के तौर पर बॉलीवुड को 'हम है राही प्यार के' [1993], 'दूल्हा बिकता है' [1982], 'जख्मी' [1975], 'अनामिका' [1973] और 'कारवां' [1971] जैसी बेहतरीन फिल्में दीं।
हुसैन ने निर्देशक तौर पर वर्ष 1990 में अपने बेटे आमिर और अभिनेत्री जूही चावला के साथ फिल्म 'तुम मेरे हो' बनाई थी।
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार हुसैन ने बांद्रा स्थित आमिर के आवास पर अंतिम सांस ली। आमिर फिलहाल अमेरिका में है। पिता के निधन की सूचना मिलते ही वह स्वदेश रवाना हो गए।