अपने लिए सिर्फ दस मिनट RAJ
byRAJESH MISHRA
गॉड से हो गुड मॉर्निंग
आप किसी भी धर्म के अनुयायी हों, यह तो मानेंगे कि एक पावर है जो हम सबको चलाती है। वह सर्वशक्तिमान ताकत है, जिसे हम अल्लाह, ईश्वर, गॉड या किसी और नाम से याद करते हैं। कल्पना करें आज की बात आपको कल याद न रहें तो आपका जीवन कैसे बीतेगा! हर नई सुबह अपने ईश्वर के नाम से शुरू करें। हो सके तो नींद खुलते ही सर्वप्रथम अपनी हथेलियों और उस पर बनी लकीरों को देखें और यह श्लोक पढ़ें-
"कराग्रे वस्ते लक्ष्मी, कर मध्ये सरस्वती।
कर मूले तू गोविंदम् प्रभाते कर दर्शनम्॥
हथेलियाँ अपने चेहरे पर फेरें और सोचें कि आज का दिन आपका सबसे अच्छा दिन है और करें शुरुआत।
उगते सूरज को सलाम
हममें से शायद कई लोगों ने सूरज को सुबह निकलते नहीं देखा होगा। जी हाँ, यह सच है कि आप जब तक सोकर उठते होंगे, तब तक सूरज आसमान पर पहुँच चुका होगा क्षितिज से कहीं दूर। भोर का उजियारा, चिड़ियों की चह-चहाहट के बीच सूरज की लालिमा से आच्छादित आकाश का दिलकश और मन को आनंदित करने वाला वह नजारा सीमेंट के जंगल में देखें।
सुबह की सैर करें, ताजी हवा के झोंके से गहरी साँस लें। योग-व्यायाम करें। दिन ताजगी भरा रहेगा। नई ऊर्जा के साथ कार्य में मन लगेगा। रक्त संचारित होने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। आप स्वस्थ्य रहेंगे।
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भागदौड़, तनाव, काम का बोझ आपके चेहरे पर नजर आता है, लेकिन क्या आपने पौधे पर खिले फूलों को इस तरह देखा है? नहीं न? फूल तो खिले-खिले अच्छे लगते हैं, मुरझाए, कुम्हलाए नहीं। आपका चेहरा भी फूलों की तरह है, उसे मुस्कराता रखें। मुस्कराता चेहरा दूसरों को तो अच्छा लगता ही है, स्वयं में भी सकरात्मकता पैदा करता है, नकारात्मकता को दूर भगाता है, तनाव कम करता है। चेहरा लटकाए न रखें। तनाव दूर करना है तो हँसे, मुस्काराएँ और प्रसन्न रहें।
नेट के साथ नेचर से भी रहें कनेक्ट
इंटरनेट पर तो आप दिन भर दुनिया के ताजे समाचारों के लिए कनेक्ट रहते हैं लेकिन शायद ही आपने कभी अपने गार्डन को जीभरकर देखा होगा। नेचर से जुड़ें, उसे महसूस करें। सुबह सबेरे देखें कैसे मुस्कराते फूल आपका स्वागत कर रहे हैं, वह भी बिना किसी स्वार्थ के। आप भी बगीचा बनाएँ, क्वारी सँवारे। जगह नहीं हो तो गमलों में ही अपने पंसदीदा और मौसमी फूलदार पौधे लगाएँ।
खिले-खिले ताजे फूल आपमें एक नए उत्साह का संचार करेंगे और आप सकारात्मकता के साथ लक्ष्य की ओर अग्रसर होंगे। इन दिनों गेंदा, गुलाब, सेवंती, गुलदाऊदी की बहार है, कभी उनसे भी दोस्ती का समय निकालें।
परिवार भी माँगे साथ
आप अपने परिवार को कितना समय देते हैं? कामकाज के बाद थोड़ा-सा समय अपने परिवार के लिए भी निकालें। परिवार में छोटा बच्चा हो तो उसे अवश्य समय दें। अपनी उपस्थिति ही नहीं, अपना एहसास कराएँ। छुट्टी के दिन परिवार के साथ सैर-सपाटा करें, पिकनिक मनाएँ।
आपसे क्या उनकी अपेक्षाएँ हैं, यह जानें, अपनी आवश्यकता और अपेक्षा उन्हें बताएँ। संवादहीनता न रखें। अपना डर, धौंस या रूतबा दिखाने की बजाय उनके साथ जुड़ें। एक नया वातावरण, खुशनुमा माहौल जीवन में नई आशा का संचार करेगा।
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