तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे भाषा के विशेषज्ञ पढ़कर कहें कि ये कलम का छोटा सिपाही ऐसा है तो भीष्म साहनी, प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला', हरिवंश राय बच्चन, फणीश्वर नाथ रेणु आदि कैसे रहे होंगे... गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.

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pyade bahut mile magar wazir na mila


प्यादे बहुत मिले मगर वज़ीर न मिला



प्यादे बहुत मिले मगर वज़ीर न मिला
सबकुछ लुटा दे ऐसा दानवीर न मिला।
जिसे दरम चाहिए न चाहिए दीनार
ऐसा कोई मौला या फकीर न मिला।
अपनी फकीरी में ही मस्त रहता हो
फिर ऐसा कोई संत कबीर न मिला।
प्यार के किस्से सारे पुराने हो चले
अब रांझा ढूंढता अपनी हीर न मिला।
जख्म ठीक कर दे जो बिना दवा के
राजेश मिश्रा 
हमें ऐसा मसीहा या पीर न मिला।
खुद ही उड़ कर लग जाए माथे से
ऐसा भी गुलाल और अबीर न मिला।
किस्मत को कोसते हुए सारे मिले
लिखता कोई अपनी तकदीर न मिला।

धूप भी प्यार का ही एहसास है
लगता है जैसे कोई आस पास है।
सत्येन्द्र गुप्ता
सत्येन्द्र गुप्ता
पहाड़ों का दिल चीर देती है रात
दिन का होना सुख का एहसास है।
गुलाबी ठंड के साथ ताप जरूरी है
दर्द ही रौशनी का भी विश्वास है।
अर्श से फर्श पर आना आसान है
फर्श से अर्श तक जाना ही खास है।
चाँद के चेहरे पर दर्द पसरा है
रेत का बिस्तर चांदनी का वास है।
यह कहानी भी हमे सदा याद है
आँखों को आंसुओं की प्यास है।
सीमाएं अपनी जानता हूँ मैं
जबतक सांस है दिल में आस है।
वो मुझे पूछते हैं मेरा ही वजूद
प्यार करना ही मेरा इतिहास है।
काम मेरा रुका कभी भी नहीं
उस पर मुझे इतना विश्वास है।

वक़्त नहीं है कहते कहते वक़्त निकल गया
जुबान से हर वक़्त यही जुबला फिसल गया।
दिल से सोचने का कभी वक़्त नहीं मिला
दिमाग से सोचने में सारा वक़्त निकल गया।
खून के रिश्तों की बोली पैसों में लग गई
निज़ाम जमाने का किस क़दर बदल गया।
बुलाने वाले ने बुलाया हम ही रुके नहीं
अब तो वह भी बहुत आगे निकल गया।
हमें तो खा गई शर्त साथ साथ रहने की
वह शहर में रहा और घर ही बदल गया।
दिल मोम का बना है नहीं बना पत्थर का
जरा सी आंच पाते एक दम पिघल गया।
इतना प्यार हो गया है इस जिस्म से हमे
चोट खाकर दिलफिर झट से संभल गया।
तुम मिले मुझ को कुछ ऐसी अदा से
ग़ज़ल को मेरी खुबसूरत मिसरा मिल गया।
(संकलन : राजेश मिश्रा, लेखक : सत्येद्र गुप्ता, प्रवक्ता.कॉम)


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