तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे भाषा के विशेषज्ञ पढ़कर कहें कि ये कलम का छोटा सिपाही ऐसा है तो भीष्म साहनी, प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला', हरिवंश राय बच्चन, फणीश्वर नाथ रेणु आदि कैसे रहे होंगे... गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.

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अन्ना हजारे का संदेश, ज्यादा से ज्यादा लोग दें गिरफ्तारी


Anna Hazare


जेपी पार्क में प्रस्तावित अनशन से पूर्व मंगलवार सुबह दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए अन्ना हजारे ने अपने समर्थकों को जारी संदेश में कहा कि अब वक्त आ गया है कि ज्यादा से ज्यादा लोग गिरफ्तारी दें क्योंकि यह आजादी की दूसरी लड़ाई है और भ्रष्टाचारियों की असलियत सामने आ गई है।
गांधीवादी कार्यकर्ता को दिल्ली पुलिस ने उनके प्रस्तावित अनशन से पहले अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी के साथ आज सुबह हिरासत में ले लिया।
उनके आंदोलन 'इंडिया अगेन्स्ट करप्शन' के मुताबिक, हजारे ने कहा कि मेरी और मेरे साथ कई अन्य लोगों की गिरफ्तारी हो रही है, लेकिन यह आंदोलन रूकने नहीं दें। हमें यह लड़ाई जारी रखनी है। यह आजादी की दूसरी लड़ाई है। ..अब वक्त आ गया है कि ज्यादा से ज्यादा लोग गिरफ्तारियां दें और ऐसे प्रयास करें कि देश में कोई भी जेल खाली नहीं बचे।
उन्होंने कहा कि..मैं आप लोगों से विनती करता हूं कि आंदोलन को हिंसक नहीं होने दें। हमें अहिंसा के रास्ते पर चलना है। किसी भी सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचे और राह चलते लोगों को परेशानी नहीं हो।
हजारे ने पुलिस कार्रवाई के लिए सरकार को जाहिरा तौर पर आड़े हाथ लेते हुए कहा कि पूरी दुनिया को भ्रष्टाचारियों का असली रूप दिख गया है। इस बात को ध्यान में रखें कि यह लड़ाई परिवर्तन की है। जब तक परिवर्तन नहीं आएगा हमें सही मायने में गणतंत्र और लोकशाही हासिल नहीं होगी। उन्होंने कहा, 'परिवर्तन की इस लड़ाई में दूसरी पंक्ति के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी, प्रशांत भूषण, शांति भूषण, पी वी राजगोपाल, अखिल गोगोई और मनीष सिसौदिया आदि के रूप में मौजूद हैं, इसलिए आंदोलन जारी रहना चाहिए।'
हजारे ने अपने समर्थकों से कहा कि वे आठ दिनों के लिए अपने काम से छुट्टी लें और इस आंदोलन में कूद पड़ें। लोगों के बड़ी तादाद में शामिल होने से ही यह आंदोलन मजबूत होगा।
सूत्रों के अनुसार जब अन्ना ने पुलिस अधिकारियों की बात मानने से इंकार किया तो उन्हें हिरासत में ले लिया गया। हजारे और केजरीवाल को हिरासत में लिए जाने के समय भारी तादाद में उनके समर्थक मयूर विहार में मौजूद थे और नारेबाजी कर रहे थे।
पुलिस की इस कार्रवाई पर पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण और पूर्व विधि मंत्री शांति भूषण ने सवाल उठाए हैं। किरण ने कहा कि यह हिरासत असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक है।
वहीं, लोकपाल विधेयक संयुक्त मसौदा समिति के सह-अध्यक्ष भूषण ने कहा कि हजारे को हिरासत में लिया जाना गैर-कानूनी है क्योंकि उन्होंने अब तक तो धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा का उल्लंघन भी नहीं किया है। हजारे मयूर विहार स्थित मेरे फ्लैट पर मौजूद थे जब पुलिस आई और उन्हें ले गई। पुलिस ने हिरासत में लिए जाने का कारण नहीं बताया। उन्होंने संकेत दिए कि इस कार्रवाई के खिलाफ वह अदालत की शरण में जाएंगे। भूषण ने समाचार चैनलों से कहा कि पहले सरकार को तानाशाही कर लेने दीजिए। फिर हम अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
इससे पहले, कल रात जयप्रकाश नारायण पार्क से भी पुलिस ने हजारे के करीब 50 समर्थकों को हिरासत में लिया था।
अन्ना को मनाने में नाकाम रही पुलिस
-दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों के 90 मिनट तक मनाने के बावजूद गाधीवादी अन्ना हजारे निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर अनशन करने की अपनी योजना से तनिक भी नहीं डिगे। हजारे को ले जा रहे वाहन के चारों ओर उनके समर्थकों ने तिरंगा लहराते हुए 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम' का उद्घोष किया।
सुबह करीब 7.30 बजे पुलिस ने सूचित किया था कि हजारे को हिरासत में लिया जा रहा है क्योंकि उन्हें अनशन त्यागने के लिए मनाने के सभी प्रयास नाकाम रहे। हजारे को दिल्ली के मयूर विहार इलाके से हिरासत में लिया गया।
दिल्ली पुलिस के आयुक्त [अपराध] अशोक चंाद ने मंगलवार की सुबह छह बजे मयूर विहार पहुंचकर हजारे को मनाने का प्रयास किया। देखते ही देखते वहा लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। हजारे को सुबह करीब 7:15 बजे हिरासत में लिया गया। सादे कपड़े में 10 पुलिसकर्मियों ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। हजारे के समर्थकों ने इसका विरोध किया और नारेबाजी की।
हिरासत में लिए जाने की खबर आने के बाद उनके समर्थकों ने रास्ता रोक लिया और पुलिस के वाहन के सामने आ गए। उनके समर्थकों ने पुलिस को वाहन के चारों ओर से घेर लिया। पुलिस को दो किलोमीटर तक जाने में 45 मिनट का समय लग गया और इसके बाद वे हजारे को लेकर सिविल लाइंस रवाना हो पाए।
हजारे की हिरासत के विरोध में सिविल लाइंस में प्रदर्शन
-अन्ना हजारे के समर्थकों ने उत्तरी दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके के उस सरकारी इमारत के बाहर प्रदर्शन किया जहा अन्ना हजारे, शाति भूषण और उनके अन्य सहयोगियों को हिरासत में लेने के बाद लाया गया। पुलिस ने सरकार विरोधी नारे लगा रहे इन लोगों को हटने का आदेश दिया और इसकी अवहेलना के बाद इनमें से कई लोगों को हिरासत में लिया गया।
इससे पहले इन लोगों ने काग्रेस और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी और पुलिस मेस के बाहर की सड़क पर धरने पर बैठ गए थे। इस इलाके में बैरिकेड लगाए गए हैं और भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
गौरतलब है कि जन लोकपाल के मुद्दे पर अनशन करने के लिए जयप्रकाश नारायण पार्क में लागू निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के बाद आज सुबह अन्ना हजारे, शाति भूषण, अरविंद केजरिवाल और किरण बेदी को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
हजारे और उनके सहयोगियों की रिहाई की माग कर रहे इन लोगों ने सरकार के इस कदम को अलोकतात्रिक बताया।

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