तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे भाषा के विशेषज्ञ पढ़कर कहें कि ये कलम का छोटा सिपाही ऐसा है तो भीष्म साहनी, प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला', हरिवंश राय बच्चन, फणीश्वर नाथ रेणु आदि कैसे रहे होंगे... गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.

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थोड़ी देर में रिहा होंगे अन्ना हजारे

अन्ना हजारे 

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की रिहाई का आदेश जारी कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस ने इससे संबंधित रिलीज वारंट तिहाड़ जेल प्रशासन को भेज दिया है। पुलिस ने उनपर लगाए गए सारे आरोप वापस ले लिए हैं। सूत्रों के अनुसार आज रात नौ बजे तक अन्ना को रिहा किया जा सकता है। उनकी रिहाई के बारे में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उनके सहयोगी प्रशांत भूषण ने कहा कि यह देर से किया गया मगर अच्छा फैसला है।
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने अन्ना हजारे पर लगाए गए सभी आरोपों को वापस ले लिया। जिसके बाद अन्ना की रिहाई चंद घंटे बाद संभव हुई. दिल्ली पुलिस ने अन्ना की रिहाई के लिए रिलीज वारंट तिहाड़ जेल के डीजी को भेजा। सूत्रों के मुताबिक अन्ना की रिहाई का फैसला प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी की बैठक में हुआ था। अन्ना के मुद्दे पर राहुल गांधी और प्रधानमंत्री के बीच आज शाम 4 बजे एक बैठक हुई थी, जिसमें रिहाई का फैसला लिया गया।

इससे पहले प्रमुख समाजसेवी अन्‍ना हजारे और अरविंद केजरीवाल ने जेल प्रशासन से खाना खाने के लिए इनकार कर दिया था। जेल प्रशासन ने अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल से तीन बार खाना खाने के लिए कहा था। भ्रष्टाचार के खिलाफ जन लोकपाल विधेयक लाने की मांग को लेकर आंदोलनरत सुप्रसिद्ध समाजसेवी अन्ना हजारे सहित पांच नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने इन्हें सुबह अलग-अलग स्थानों से एहतियातन हिरासत में लिया था और बाद में इन्हें 7 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया था। तिहाड़ में अन्ना को जेल नंबर-4 में रखा गया है जहां सुरेश कलमाडी बंद हैं। वहीं अरविंद केजरीवाल को जेल नंबर -1 में रखा गया है जहां ए. राजा बंद है।

सूत्रों ने बताया कि हजारे, अरविन्द केजरीवाल एवं समाजसेवी मनीष सिसोदिया को पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार तथा पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी किरण बेदी एवं एक अन्य नेता को राजघाट के निकट हिरासत में लिया गया था बाद में इन्‍हें सहायक पुलिस आयुक्त के समक्ष पेश किया गया।

समर्थकों ने सरकार विरोधी नारे लगाए
अन्ना हजारे एवं केजरीवाल सुप्रीम एनक्लेव स्थित फ्लेट से जयप्रकाश नारायण पार्क जाने के लिए निकल रहे थे तभी लिफ्ट के पास सादी वर्दी में खड़े लगभग 20 पुलिस अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया। अन्ना हजारे को हिरासत में लिए जाने के समय वहां मौजूद सैकड़ों समर्थकों ने सरकार विरोधी नारे लगाए। उन्होंने अन्ना हजारे के समर्थन में भी नारेबाजी की। किसी भी घटना से निपटने के लिए सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए थे। पुलिस ने सड़क पर किसी तरह की अनहोनी से बचने के लिए मानव श्रृंखला बना रखी थी।

आंदोलन को मत रुकने दीजिए : अन्ना
हिरासत में लिए जाने से पूर्व अन्ना हजारे ने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि मेरी गिरफ्तारी के बाद इस आंदोलन को मत रुकने दीजिए। यह आजादी की दूसरी लड़ाई है। पूरा विश्व जानता है कि भ्रष्टाचार किस कदर अपने पांव जमा चुका है। अन्ना हजारे ने कहा कि मैं आपसे अपील करता हूं कि इस आंदोलन में किसी तरह की हिंसा न होने पाए। मैं युवा और बुजुर्ग लोगों से अपील करता हूं कि यदि जेल भरो आंदोलन की आवश्यकता पड़े तो आप अपने आठ दिन देश को समर्पित कीजिए।

हिरासत में लेना गैरकानूनी और असंवैधानिक
अन्ना हजारे के एक सहयोगी प्रशांत भूषण ने कहा कि अन्ना हजारे को हिरासत में लेना गैरकानूनी एवं असंवैधानिक है। इस सराकर का लोकतांत्रित मूल्यों में कोई विश्वास नहीं है। रोमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता किरण बेदी को राजघाट से हिरासत में लिया गया। इसके बाद उन्होंने कहा कि जब अन्ना ने पुलिसकर्मियों से पूछा कि उन्हें किस आरोप में हिरासत में लिया जा रहा है। तो पुलिस ने कहा कि उन्हें ऐसा करने के आदेश दिए गए हैं।

‘निषेधाज्ञा उल्लंघन की संभावना पर हिरासत में’
अन्ना हजारे को हिरासत लेने पर सरकार की ओर से आई पहली प्रतिक्रिया में केंद्रीय गृह सचिव आर.के. सिंह ने कहा है कि उन्हें इसलिए हिरासत में लिया गया, क्योंकि वह निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने वाले थे। सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि अन्ना हजारे ने कहा था कि वह निषेधाज्ञा का उल्लंघन करेंगे, इसलिए उन्हें हिरासत में लिया गया। अन्ना द्वारा दिल्ली पुलिस की शर्तें मानने से इंकार किए जाने के बाद पुलिस ने मध्य दिल्ली में स्थित अन्ना हजारे के प्रस्तावित अनशन स्थल, जे.पी. पार्क में और उसके आसपास इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर दिया था।

दिल्ली पुलिस पर राजनैतिक दबाव नहीं : सोनी
वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के प्रस्तावित अनशन पर बैठने से पहले गिरफ्तारी कर लिए जाने के बाद केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने कहा कि उन्हें किसी राजनैतिक दबाव की वजह से गिरफ्तार नहीं किया गया है। ताजा राजनीतिक हालात पर राजनीतिक मामलों की कैबिनेट की बैठक के बाद अंबिका ने कहा कि पुलिस पर राजनैतिक दबाव नहीं था। उनकी गिरफ्तारी कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए की गई क्योंकि उनके समर्थकों की भीड़ में कुछ असामाजिक तत्वों के शामिल होने का अंदेशा था। अंबिका ने कहा कि संसद का सत्र चलते समय संवेदनशील इलाकों में धारा 144 लगाई जाती है। अन्ना हजारे को संसद सत्र के बाद अनशन करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि देश में आपातकाल जैसी स्थिति बताना गलत है।

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