तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे भाषा के विशेषज्ञ पढ़कर कहें कि ये कलम का छोटा सिपाही ऐसा है तो भीष्म साहनी, प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला', हरिवंश राय बच्चन, फणीश्वर नाथ रेणु आदि कैसे रहे होंगे... गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.

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दीपावली पर कब करेंगे लक्ष्मी पूजा? जानिए



इस महालक्ष्मी वर्ष 
में दीपावली का पावन पर्व बुधवार 26 अक्टूबर को चित्रा/स्वाति नक्षत्र और विष्कुम्भक योग से सम्पन्न है। इस दिन सभी श्रद्धालु गृहस्थजन और व्यापारी समाज को महालक्ष्मी पर्व के विशेष अवसर पर अपनी आर्थिक सफलता के लिए लक्ष्मी, कुबेर और श्रीगणेश जी का पूजन प्रदोषकाल में श्रद्धापूर्वक करना चाहिए।

कब करें पूजा: प्रदोष काल यानी स्थिर लग्न में शाम 6 बजकर 44 मिनट से 8 बजकर रहेगा। आमतौर पर गृहस्थजन और सामान्य वर्ग के लोग इसी लग्न के दौरान लक्ष्मी पूजा करते हैं। लक्ष्मी की कृपा के लिए श्री यंत्र लक्ष्मी गणेश यंत्र कुबेर यंत्र और धनदा यंत्रों की स्थापना भी महालक्ष्मीपर्व के दौरान रात में की जाएगी। दिन के समय महालक्ष्मी पूजन के लिए वृश्चिक लग्न, मकर लग्न, कुंभ लग्न, मीन लग्न और मेष लग्न उपयोगी माने गए हैं। रात्रिकाल के दौरान प्रदोषकाल में वृष लग्न, कर्क लग्न तथा महानिशीथ काल में सिंह लग्न उपयोगी माना गया है।

ग्रहयोग बुधवार 26 अक्टूबर को सांय प्रदोषकाल में स्वाति नक्षत्र तुला का चंद्रमा रहेगा। प्रदोष काल का आधार लग्न वृष (2) है जो सांय 6 बजकर 44 मिनट से रात्रि 8 बजकर 40 मिनट तक है। अन्य सभी ग्रहों की स्थिति इस प्रकार है। वृष (2) में केतु, कन्या (6) में शनि, तुला (7) में सूर्य, चंद्रमा, बुध और शुक्र, वृश्चिक (8) में राहु, धनु (9) में प्लूटो वक्री, कुंभ (11) में वक्री नेपच्यून, मीन (12) में यूरेनस। शाम 6 बजकर 21 मिनट तक विष्कुंभक योग, उसके बाद प्रीति योग रहेगा।

बृहस्पति यानी गुरु ग्रह मेष राशि में संचार करते-करते 30 अगस्त को वक्री चाल से चलते हुए 27 दिसंबर 2011 तक मेष राशि में पुन: मार्गी होगा। महालक्ष्मी वर्ष के दौरान दीपावली की रात्रि बृहस्पति की मेष राशि पर वक्र दृष्टि सूर्य, चंद्रमा, शुक्र और बुध पर रहेगी।

1 टिप्पणी:

संगीता पुरी ने कहा…

अच्‍छी जानकारी ..
.. आपको दीपोत्‍सव की शुभकामनाएं !!