तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे भाषा के विशेषज्ञ पढ़कर कहें कि ये कलम का छोटा सिपाही ऐसा है तो भीष्म साहनी, प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला', हरिवंश राय बच्चन, फणीश्वर नाथ रेणु आदि कैसे रहे होंगे... गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.

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Waiting for Sachin's ton 100

तेंदुलकर ने टेस्ट में 15000  रनके जादुई आकड़े को पार किया
इंतजार सचिन की 100वी सेंचुरी की




आज सबकी निगाहें तेंदुलकर पर रहेगी.... तीसरे दिन का खेल ख़त्म होने के समय तेंदुलकर 87  बाल खेलकर 33  रन बनाकर नाबाद पवेलियन लौटे हैं... आज उनके और पुरे विश्व के क्रिकेट प्रेमियों को उनके सौवें सेंचुरी का इंतजार रहेगा... आशा है जिस तरह से उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 15005  रन का जादुई आंकड़ा पर किया है उसी तरह आज सौवीं सेंचुरी पूराकर देश को एक अनमोल तोहफा और यादगार लम्हा भेंट करेंगे.. 

सचिन तेंडुलकर की सौवीं सेंचुरी के साक्षात दर्शन करने की हरेक क्रिकेट प्रेमी की इच्छा होगी , ऐसा समझा जा रहा था। लेकिन वेस्ट इंडीज के खिलाफ फिरोजशाह कोटला पर शुरू हुए सीरीज के पहले टेस्ट के दुसरे दिन करीब नौ हजार दर्शक ही पहुंचे। करीब 42,000 दर्शकों की क्षमता वाले स्टेडियम मेंयह उपस्थिति काफी कम लग रही थी। जाहिर है भारत में इंग्लैंड के खिलाफ पिछले महीने खत्म हुई वन डे सीरीज में भी दर्शकों की रुचि कम ही रही थी। अब टेस्ट मैच में संडे के दिन यह हाल देखने से निश्चित रूप से बीसीसीआई को मैदान पर दर्शकों को खींचने के लिए कोई योजना बनानी होगी। बहरहाल, अब यह देखना बाकी है कि जब सचिन कल १०० सेंचुरी के लिए अग्रसर हो रहे होंगे, तो कितने लोग कोटला पहुंचे हैं। वैसे तो दर्शकों को आज ही उनके सेचुरी की बुनियाद की नीव देखने को मिल गई है... (33  नॉटआउट). और खेल में अभी 2 दिन बाकि है...

सचिन का क्रेज बरकरार :
कोटला पर भले ही दर्शकों की मौजूदगी कम थी। लेकिन तेंडुलकर का क्रेज उनमें अब भी बरकरार है। सचिन जब भी बाउंड्री के आसपास फील्डिंग करने आते थे, तो दर्शक सचिन-सचिन चिल्लाकर उनके करीब वाले एरिया की तरफ दौड़ पड़ते थे। जाहिर है कि अपनी सौवीं टेस्ट सेंचुरी से महज एक कदम दूरखड़े सचिन का जादू अब भी बरकरार है। खुद 'मास्टर ब्लास्टर' भी बीच-बीच में दर्शकों की तरफ हाथ हिलाकर उनका अभिवादन स्वीकार कर रहे थे।

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