विदेशी कंपनी के बिस्कुट में गाय और सूअर का मांस
तरुण जैन
बिस्कुट में गाय का मांस होने की बात आज तक किसी ने नहीं सुनी थी। यदि आप और आपके बच्चे बिस्कुट खाने के शौकीन हैं तो सावधान हो जाइए। हो सकता है कि आप शाकाहारी बिस्कुट के नाम पर गाय का मांस भी खा रहे हों। यह काम किया है स्विट्ज़रलेंड की एक बिस्कुट विक्रेता कम्पनी ने। उसने निर्मित बिस्कुटों में 20 प्रतिशत गौ मांस मिला कर इसकी आपूर्ति पूरे भारत में की है। इतना ही नहीं इन में सूअर का मांस भी मिलाया गया है। ये बिस्कुट प्रदेश, शहर रेवाड़ी के साथ-साथ गांवों में भी धड़ल्ले से बिक रहे हैं। विक्रेता व उपभोक्ताओं को भी इस बात का पता ही नहीं है कि वे मांसाहारी बिस्कुट बेच व खा रहे हैं। इस गोमांस के मामले की भनक जैसे ही हिन्दू संगठनों को मिली तो उनमें उबाल आ गया और उन्होंने सड़कों पर उतरने की धमकी दे डाली है।
इस सारे मामले का पता उस समय लगा, जब एक जागरूक नागरिक अशोक कुमार ने अपने गांव लिसान रेवाड़ी की एक दुकान से इस बिस्कुट का पैकेट एक रुपए में खरीदा। विदेशी कम्पनी का पैकेट होने के कारण उन्होंने जब उसके कन्टेंट्स को पढ़ा तो वह दंग रह गया। उसमें साफ लिखा था कि बिस्कुट में ‘बीफÓ यानी गाय का मांस और ‘हैमÓ यानी सूअर का मांस है। हैरानी की बात यह है कि इस पैकेट पर भारतीय मानकों के अनुसार मांसाहारी व शाकाहारी के लिये अंकित किए जाने वाले लाल व हरे रंग कोई भी चिन्ह नहीं है, जबकि भारत में मांसाहारी वस्तुओं के पैकेट पर लाल चिन्ह बना होता है।
अशोक कुमार ने तुरंत इसकी सूचना इस संवाददाता को दी और बताया कि किस तरह विदेशी कम्पनी हिन्दू मतावलम्बियों का धर्म भ्रष्ट कर रही हैं। उन्होंने सरकार व प्रशासन से मांग की है कि ऐसे बिस्कुटों की खेप को तुरंत बाजारों से जब्त किया जाए।
उधर इस बात का पता जैसे ही हिन्दू संगठनों व राजनीतिक दलों के नेताओं को लगा तो उनमें रोष उत्पन्न हो गया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष कृष्णपाल गुर्जर ने फोन पर इसकी कटु निंदा करते हुए कहा है कि इस तरह के बिस्कुट हरियाणा में बिल्कुल नहीं बिकने दिए जाएंगे। उनकी पार्टी हर स्तर पर इसका विरोध व आंदोलन करेगी। उन्होंने इन बिस्कुटों को बाजार से तुरंत जब्त करने की मांग की।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रदेश कार्यवाह प्रो. डीपी भाद्वाज ने कहा कि विदेशी कम्पनियां भारतीय संस्कृति व धर्म को नष्ट करने का पूरा प्रयास कर रही है। विदेशों से गाय मांस से बने बिस्कुट भारत में आ रहे हैं और भारत सरकार को इसकी खबर तक नहीं हो, ऐसा नहीं हो सकता है। इसका डट कर विरोध किया जाएगा और ऐसे बिस्कुटों की होली जला कर हिन्दू समाज को जागृत किया जाएगा। भारतीय शिव सेना के प्रदेश प्रभारी दीपक गोयल ने कहा कि यह सब विदेशी शक्तियों से साजबाज होकर किया जा रहा है। उन्होंने इस विदेशी कम्पनी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग भी की। वीर सावरकर विचार मंच के संस्थापक श्रीनिवास शर्मा शास्त्री ने मांग की कि इस बात की राष्ट्रीय व उच्च स्तर पर जांच होनी चाहिए।
इस सारे मामले का पता उस समय लगा, जब एक जागरूक नागरिक अशोक कुमार ने अपने गांव लिसान रेवाड़ी की एक दुकान से इस बिस्कुट का पैकेट एक रुपए में खरीदा। विदेशी कम्पनी का पैकेट होने के कारण उन्होंने जब उसके कन्टेंट्स को पढ़ा तो वह दंग रह गया। उसमें साफ लिखा था कि बिस्कुट में ‘बीफÓ यानी गाय का मांस और ‘हैमÓ यानी सूअर का मांस है। हैरानी की बात यह है कि इस पैकेट पर भारतीय मानकों के अनुसार मांसाहारी व शाकाहारी के लिये अंकित किए जाने वाले लाल व हरे रंग कोई भी चिन्ह नहीं है, जबकि भारत में मांसाहारी वस्तुओं के पैकेट पर लाल चिन्ह बना होता है।
अशोक कुमार ने तुरंत इसकी सूचना इस संवाददाता को दी और बताया कि किस तरह विदेशी कम्पनी हिन्दू मतावलम्बियों का धर्म भ्रष्ट कर रही हैं। उन्होंने सरकार व प्रशासन से मांग की है कि ऐसे बिस्कुटों की खेप को तुरंत बाजारों से जब्त किया जाए।
उधर इस बात का पता जैसे ही हिन्दू संगठनों व राजनीतिक दलों के नेताओं को लगा तो उनमें रोष उत्पन्न हो गया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष कृष्णपाल गुर्जर ने फोन पर इसकी कटु निंदा करते हुए कहा है कि इस तरह के बिस्कुट हरियाणा में बिल्कुल नहीं बिकने दिए जाएंगे। उनकी पार्टी हर स्तर पर इसका विरोध व आंदोलन करेगी। उन्होंने इन बिस्कुटों को बाजार से तुरंत जब्त करने की मांग की।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रदेश कार्यवाह प्रो. डीपी भाद्वाज ने कहा कि विदेशी कम्पनियां भारतीय संस्कृति व धर्म को नष्ट करने का पूरा प्रयास कर रही है। विदेशों से गाय मांस से बने बिस्कुट भारत में आ रहे हैं और भारत सरकार को इसकी खबर तक नहीं हो, ऐसा नहीं हो सकता है। इसका डट कर विरोध किया जाएगा और ऐसे बिस्कुटों की होली जला कर हिन्दू समाज को जागृत किया जाएगा। भारतीय शिव सेना के प्रदेश प्रभारी दीपक गोयल ने कहा कि यह सब विदेशी शक्तियों से साजबाज होकर किया जा रहा है। उन्होंने इस विदेशी कम्पनी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग भी की। वीर सावरकर विचार मंच के संस्थापक श्रीनिवास शर्मा शास्त्री ने मांग की कि इस बात की राष्ट्रीय व उच्च स्तर पर जांच होनी चाहिए।
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