अगर किसी चीज को दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे आपसे मिलाने में लग जाती है..: राजेश मिश्रा
पाउलो कोएल्हो के प्रसिद्ध उपन्यास 'द अलकेमिस्ट' की एक मशहूर पंक्ति है -'अगर किसी चीज को दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे आपसे मिलाने में लग जाती है..।' सच है। दिल में लगन पक्की हो, इरादा नेक हो और हौसला बुलंद हो तो दुआएं भी जरूर रंग लाती हैं। तब हर मन्नत पूरी होती है। धोनी ने विश्व कप विजय की मन्नत मांगी थी। एक अरब 21 करोड़ भारतीयों के चेहरों पर मुस्कान लाने के लिए और देश का मान बढ़ाने के लिए थी यह मन्नत, जो पूरी हो गई। धौनी ने मन्नत मांगी थी कि यदि भारत जीत गया तो वे अपना सिर मुंडवाएंगे।
धोनी रविवार सुबह सिर मुंडवाकर अवतरित हुए तो सभी चकित रह गए। उन्होंने जीत के बाद शनिवार रात ही होटल के अपने कमरे में सिर के बाल मुंडवा दिए थे। पता चला कि धोनी ने विश्व कप शुरू होने से पहले रांची में अपने घर के करीब स्थित मंदिर में मन्नत मांगी थी। पुजारी ने उन्हें सुबह पौने तीन से तीन बजे के बीच सिर मुंडवाने की सलाह दी थी और उन्होंने ऐसा ही किया। इन बालों को अब तिरुपति के बालाजी मंदिर में चढ़ाया जाएगा। धोनी का नया लुक गेटवे ऑफ इंडिया में टीम के आधिकारिक फोटो सत्र में देखा गया। विश्व विजेता टीम इंडिया की जीत का जश्न तो सबने मनाया, लेकिन क्रिकेट के महारथियों की टोली के इस्तकबाल के लिए कोलकाता को अभी जरा इंतजार करना होगा। क्रिकेट महाकुंभ की सुखद पूर्णाहुति के साथ ही खिलाड़ियों को इसी सप्ताह से आइपीएल के लिए पैड बांधना पड़ेगा। लिहाजा, राष्ट्रपति प्रतिभादेवी सिंह पाटिल ने जहां महाराष्ट्र राजभवन में विश्वविजेताओं का सम्मान किया, वहीं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने फोन पर महेंद्र सिंह धोनी को इस उपलब्धि पर बधाई दी।
दरअसल, वानखेड़े के विजेता मुंबई से अपने घरों को रवाना हो जाएंगे। हालांकि, उन्हें भी न तो विश्वकप जीतने का सपना पूरा होने की खुमारी दूर करने का मौका मिलेगा और न ही जश्न मनाने व थकान उतारने का। इसी हफ्ते 8 अप्रैल से शुरू हो रही इंडियन प्रीमियर लीग [आइपीएल] के लिए उन्हें 7 अप्रैल से पहले ही अपने घर छोड़ देने होंगे। गौतम गंभीर और विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों, जिनकी टीमें इस दफा बदल गई हैं, उन्हें पहले जाकर आइपीएल फ्रेंचाइजी को रिपोर्ट करना है। खिलाड़ियों के इस व्यस्त कार्यक्रम के मद्देनजर बीसीसीआइ उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने मुंबई राजभवन में पार्टी के दौरान ही महेंद्र सिंह धौनी की प्रधानमंत्री से बात कराई।
वैसे तो 28 साल बाद विश्वकप वापस लाने वाले रणबांकुरों के स्वागत के लिए राजधानी बिल्कुल बाहें पसारे है। मगर इस व्यस्त कार्यक्रम के मद्देनजर ही टीम प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मेहमान भी नहीं बन पा रही है। वैसे तो देशवासी 2007 में ट्वेंटी-20 विश्वकप जैसे जुलूस की भी अपेक्षा कर रहे थे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं होगा। बीसीसीआइ उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने स्पष्ट किया कि 'शोभा यात्रा तब निकाली जाती है, जब दुनिया के किसी दूसरे मुल्क से टीम जीत कर आई हो।' वैसे सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से लेकर भाजपा के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी तक भारतीय टीम के सम्मान में भोज रखने के इच्छुक हैं, लेकिन अभी उन्हें मेजबानी के लिए इंतजार करना होगा। शुक्ला ने कहा भी कि 'जब खिलाड़ी दिल्ली में होंगे तब उनके सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।'
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