तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे भाषा के विशेषज्ञ पढ़कर कहें कि ये कलम का छोटा सिपाही ऐसा है तो भीष्म साहनी, प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला', हरिवंश राय बच्चन, फणीश्वर नाथ रेणु आदि कैसे रहे होंगे... गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.

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BABA RAMDEV KE KOMA ME JANE KA KHATRA

राजेश मिश्रा, कोलकाता 

बाबा रामदेव के कोमा में जाने का खतरा


आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर केंद्र और बाबा रामदेव के बीच मध्यस्थता कर रहे हैं। हालांकि केंद्र सरकार उन्‍हें आधिकारिक तौर पर अपना दूत या मध्‍यस्‍थ नहीं मान रही है। लेकिन श्री श्री शनिवार को फिर देहरादून पहुंचे। उन्‍होंने बाबा को अनशन तोड़ने के लिए राजी करने की कोशिश की, लेकिन बाबा नहीं माने। पर श्री श्री भी अड़ गए हैं और उन्‍होंने कहा कि जब तक बाबा का अनशन खत्‍म नहीं होता है, वह देहरादून में ही रहेंगे।
बाबा के अनशन का आज आठवां दिन है और उनकी हालत ठीक नहीं है। अगर उन्‍होंने अन्‍न लेने से मना करना जारी रखा तो उनके कोमा में जाने का खतरा हो सकता है। उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का कहना है कि जैसा मैंने बाबा को देखा है और जिस तरह उनकी हालत है, उसमें सुधार नहीं हुआ तो बाबा कोमा में भी जा सकते हैं। हालांकि डॉक्‍टरों का कहना है कि वह लगातार मेहनत कर बाबा की हालत को नियंत्रण से बाहर नहीं होने दे रहे हैं। उन्‍हें बैठने और बोलने में अभी भी तकलीफ हो रही है।


आपका मत 

क्या बाबा रामदेव को अब अपना अनशन तोड़ देना चाहिए? लेकिन अभी तक केंद्र सरकार ने उनकी विदेशों में जमा काला धन वापस लाने पर कोई आश्वासन नहीं दिया है? तो क्‍या बाबा की लड़ाई अधूरी रह जाएगी? आप अपनी राय सभी के साथ साझा कर सकते हैं। लेकिन किसी भी आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए पाठक स्वयं जिम्मेदार होंगे।  

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