तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे भाषा के विशेषज्ञ पढ़कर कहें कि ये कलम का छोटा सिपाही ऐसा है तो भीष्म साहनी, प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला', हरिवंश राय बच्चन, फणीश्वर नाथ रेणु आदि कैसे रहे होंगे... गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.

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सचिन का रिकॉर्ड ही सब कुछ कहता है


मौजूदा समय में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज और क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन रमेश तेंदुलकर किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। मास्टर 4लास्टर सचिन तेंदुलकर को अगर चलती-फिरती रिकॉर्ड बुक बोला जाए तो कुछ गलत नहीं होगा। सचिन ने अपने 23 साल के लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर में एक बल्लेबाज के तौर पर लगभग सारे ही रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए हैं। सचिन के नाम वनडे और टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा रन और शतक जड़ने का रिकॉर्ड है। टेस्ट क्रिकेट में सचिन अपने शतकों का अर्धशतक भी बना चुके हैं। इतना ही नहीं सचिन एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने वनडे मैचों में दोहरा शतक ठोका है। कभी टेनिस एल्बो तो कभी कमर दर्द से परेशान होकर सचिन को क्रिकेट से दूर भी होना पड़ा है, लेकिन मास्टर 4लास्टर हर मुश्किल परिस्थितियों से निकल कर इस मुकाम पर पहुंचे हैं।
सचिन ने महज 16 साल की उम्र में क्रिकेट में पदार्पण किया। 1989 में इस धुरंधर बल्लेबाज ने पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच से अपना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का सफर शुरू किया। सचिन 15 रन पर वकार यूनुस की गेंद बोल्ड हो गए। लेकिन सचिन ने जिस तरह पाक के तेज गेंदबाजों का सामना किया वह काबिल-ए-तारीफ था। सियालकोट में हुए फाइनल टेस्ट में सचिन को एक बाउंसर गेंद नाक पर लगी, उनकी नाक से खून निकलने लगा। लेकिन सचिन ने प्राथमिक चिकित्सा नहीं ली और बल्लेबाजी के लिए फिर से तैयार हो गए। आज सचिन को क्रिकेट का भगवान कहा जाता है। हालांकि सचिन ऐसा नहीं मानते हैं। सचिन जितने अच्छे खिलाड़ी हैं उतने ही अच्छे इंसान भी हैं। हालांकि सचिन टीम इंडिया के सफल कप्तान नहीं बन सके। सचिन ने खुद इसको स्वीकार किया और कप्तानी छोड़ दी। जब भी सचिन के खेल की आलोचना हुई है इस बल्लेबाज ने जवाब हमेशा अपने बल्ले से दिया है। सचिन के खौफ का यह आलम था कि दुनिया के महान लेग स्पिनर शेन वार्न ने कहा था कि सचिन उनके सपने में आकर उनकी गेंदों पर शॉट मारते हैं। भारत का कोई ऐसा स6मान नहीं है जिससे इस बल्लेबाज को नवाजा नहीं गया हो। उन्हें राजीव गांधी 2ोल रत्‍‌न और पद्वि5ाूषण से स6मानित किया गया है।
सचिन ने अब तक 463 वनडे मैच 2ोले हैं जिसमें उन्होंने 49 शतक और 96 अर्धशतकों की मदद से कुल 18426 रन बनाए हैं। उनका बल्लेबाजी औसत लग5ाग 46 का है। इनके नाम टेस्ट और वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड है। इसके साथ ही उन्होंने वनडे में 154 विकेट 5ाी चटकाए हैं।
24 अप्रैल 1973 को मराठा परिवार में पैदा हुए सचिन का नाम उनके पिता के चहेते संगीतकार सचिन देव बर्मन के नाम पर र2ा गया था। उनके बड़े 5ाई अजीत तेंदुलकर ने उन्हें 2ोलने के लिए प्रोत्साहित किया था। उनके एक और 5ाई नितिन तेंदुलकर और बहन सवितई तेंदुलकर हैं। 1995 में उन्होंने पेशे से डॉ1टर और खुद से पांच साल बड़ी अंजलि से शादी की थी। उनके दो बच्चे हैं अर्जुन और सारा।
सचिन ने मुंबई स्थित शारद आश्रम विद्यामंदिर से स्कूल शिक्षा ग्रहण की। वहीं पर उन्होंने कोच रमाकांत अचरेकर के सान्निध्य में अपने क्रिकेट जीवन का आगाज किया। पहले तेज गेंदबाज बनने के लिए उन्होंने एमआरएफ पेस फाउंडेशन के अ5यास कार्यक्रम में शिरकत की। लेकिन वहां गेंदबाज कोच डेनिस लिली ने पूर्ण रूप से अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान केंद्रित करने को कहा।शुरुआती क्रिकेट जीवन में सचिन अपने कोच के साथ अ5यास करते थे। उनके कोच स्टंप्स पर एक रुपये का सि1का र2ा देते थे और जो गेंदबाज सचिन को आउट करता उसे वह मिल जाता था। यदि सचिन आउट हुए बिना पूरे समय बल्लेबाजी करने में सफल रहते थे तो ये सिक्का उन्हें मिलता था। उस समय के 13 सि1के सचिन के पास आज 5ाी मौजूद हैं, जो उन्हें बेहद प्रिय हैं।
1988 में एक स्कूली टूर्नामेंट में उन्होंने अपने साथी बल्लेबाज विनोद कांबली के साथ 664 रनों की ऐतिहासिक साझेदारी की थी। इस धमाकेदार जोड़ी के अद्वितीय प्रदर्शन के कारण एक गेंदबाज तो रो ही दिया और विपक्षी टीम ने 2ोलने से इन्कार कर दिया। सचिन ने इस मैच में 320 रन और टूर्नामेंट में एक हजार से 5ाी ज्यादा रन बनाए।
सचिन का क्रिकेट के आलावा दूसरा पक्ष 5ाी है। वह अपनालय नाम के एक एनजीइओ के 200 बच्चों के पालन-पोषण की जि6मेदारी 5ाी उठाते हैं। इसके साथ ही वह अपने ही नाम के एक सफल रेस्टोरेंट के मालिक 5ाी हैं।